दुनियाभर में लगभग 2 अरब 10 करोड़ लोग मोटापे के शिकार हैं, जो चिंता का विषय है। मोटापे के प्रकोप और खतरे को देखते हुए 15 से 19 अक्तूबर
तक विश्व मोटापा जागरूकता सप्ताह मनाया जाता है। ऐसे में इस समस्या के बारे में जानना बेहत जरूरी है।
राजस्थान में जनसंख्या का एक बड़ा हिस्सा मोटापे का शिकार है. इनमें भी महिलाओं की संख्या ज्यादा है. पुरुषों के मुकाबले मोटी महिलाओं की संख्या दोगुनी है.
यह अनेक बीमारियों को जन्म दे रहा है.I केंद्र सरकार के स्वास्थ्य मंत्रालय की ओर से जारी क्लीनिकल, एंथ्रोपोमेट्रिक एंड बायोकैमिकल (सीएबी) रिपोर्ट
2014 में सामने आया है कि राजस्थान में 18-59 वर्ष की आयु के 2.6 प्रतिशत लोग मोटापे के शिकार हैंI
मोटापे के मामले में राजस्थान देश में दूसरे स्थान पर है. पहले नंबर पर उत्तराखंड है जहां 4.7 प्रतिशत लोग मोटापे के शिकार हैंI
विश्व स्वास्थ्य संगठन के मापदण्डों के अनुसार, जिन लोगों का बाडी मास इंडेक्स (बीएमआई) यानी उम्र के अनुसार वजन और लम्बाई का सूचकांक 30 से
ज्यादा होता है, वे मोटापे की श्रेणी में आते हैं. जिनका बॉडी मास इंडेक्स 25 से ज्यादा होता है, वे ओवरवेट यानी अधिक वजन वालों की श्रेणी में आते हैंI
राजस्थान में 2.6 प्रतिशत लोगों का बीएमआई 30 से ज्यादा और 12.9 प्रतिशत लोगों का बीएमआई 25 से ज्यादा है. मोटे लोगों में महिलाएं 3.4 प्रतिशत
हैं, जबकि पुरुष इनके आधे यानी करीब 1.7 प्रतिशत हैंI
ओवरवेट महिलाओं की संख्या भी पुरूषों से ज्यादा है. ओवरवेट महिलाएं जहां 16.4 प्रतिशत है, वहीं ओवरवेट पुरुष 12 प्रतिशत ही हैंI
मोटापा न सिर्फ आपके लुक को खराब करता है बल्कि कई बीमारियों का शिकार बनाता है। मोटापा पुरुष और महिला दोनों को प्रभावित करता है। महिलाओं
के लिए मोटापा उनके मां बनने के सपने को भी ग्रहण लगा सकता है। महिलाओं में अधिक मोटापे के चलते गर्भपात की समस्या देखी गई है।
प्रजनन क्षमता पर असर
गर्भपात का खतरा
पीरियड्स संबंधी विकार:
महिलाओ में नींद की समस्या
पॉलीसिस्टिक अंडाशय रोग (PCOD)
गर्भाशय कैंसर (यूट्रस कैंसर)
महिलाओ मैं स्तन का कैंसर
रजोनिवृत्ति
इंसुलिन की समस्या
थायराइड की समस्या
रोकथाम इलाज से बेहतर है अतः DSIR से मान्यता प्राप्त, ISO 9001: 2015 प्रमाणित कंपनी, GenOmbio Technologies एक R & D सुविधा है जो विज्ञान और
औद्योगिक अनुसंधान विभाग, विज्ञान और प्रौद्योगिकी मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा मान्यता प्राप्त है। यह 2009 में ISBA एंटरप्रेन्योर अवार्ड का प्राप्तकर्ता है।
संस्था आपके मुख में बन रही लार की जाँच करकें आपके द्वारा विकसित अनुवांशिक अनुसन्धान के द्वारा आपको इस बात को निर्धारित करती है की आप अपने
वजन को कैसे संतुलित रखे जिससे भविष्य में आने वाली बिमारिओ से बचाव कर सके इसके माध्यम से बगैर आपकी दिनचर्या को प्रभावित करते हुए व्यवस्थित
करते है जिसके लिए आपको अपनी जीवनशैली में साधारण सा बदलाव करके असाधारण बदलाव प्राप्त कर सकते है
यह एक असाधारण प्रक्रिया है जोकि भारत सरकार से प्रमाणित है जोकि DNA की जाँच के माध्यम से आपकी जीवनशैली को विकसित करता है GeneSupport
द्वारा पेश किए गए पैनल आपके शरीर की प्रणाली के बारे में विशिष्ट जानकारी प्रदान करते हैं और वे कुछ निश्चित जीवन शैली विकारों से जुड़े जोखिमों की
भविष्यवाणी करने में भी सक्षम होते हैं। "विश्लेषण - रूपांतरण - सुरक्षित" का हमारा मार्गदर्शक सिद्धांत आपको स्थायी भलाई सुनिश्चित करने में मदद करता है
तक विश्व मोटापा जागरूकता सप्ताह मनाया जाता है। ऐसे में इस समस्या के बारे में जानना बेहत जरूरी है।
राजस्थान में जनसंख्या का एक बड़ा हिस्सा मोटापे का शिकार है. इनमें भी महिलाओं की संख्या ज्यादा है. पुरुषों के मुकाबले मोटी महिलाओं की संख्या दोगुनी है.
यह अनेक बीमारियों को जन्म दे रहा है.I केंद्र सरकार के स्वास्थ्य मंत्रालय की ओर से जारी क्लीनिकल, एंथ्रोपोमेट्रिक एंड बायोकैमिकल (सीएबी) रिपोर्ट
2014 में सामने आया है कि राजस्थान में 18-59 वर्ष की आयु के 2.6 प्रतिशत लोग मोटापे के शिकार हैंI
मोटापे के मामले में राजस्थान देश में दूसरे स्थान पर है. पहले नंबर पर उत्तराखंड है जहां 4.7 प्रतिशत लोग मोटापे के शिकार हैंI
विश्व स्वास्थ्य संगठन के मापदण्डों के अनुसार, जिन लोगों का बाडी मास इंडेक्स (बीएमआई) यानी उम्र के अनुसार वजन और लम्बाई का सूचकांक 30 से
ज्यादा होता है, वे मोटापे की श्रेणी में आते हैं. जिनका बॉडी मास इंडेक्स 25 से ज्यादा होता है, वे ओवरवेट यानी अधिक वजन वालों की श्रेणी में आते हैंI
राजस्थान में 2.6 प्रतिशत लोगों का बीएमआई 30 से ज्यादा और 12.9 प्रतिशत लोगों का बीएमआई 25 से ज्यादा है. मोटे लोगों में महिलाएं 3.4 प्रतिशत
हैं, जबकि पुरुष इनके आधे यानी करीब 1.7 प्रतिशत हैंI
ओवरवेट महिलाओं की संख्या भी पुरूषों से ज्यादा है. ओवरवेट महिलाएं जहां 16.4 प्रतिशत है, वहीं ओवरवेट पुरुष 12 प्रतिशत ही हैंI
मोटापा न सिर्फ आपके लुक को खराब करता है बल्कि कई बीमारियों का शिकार बनाता है। मोटापा पुरुष और महिला दोनों को प्रभावित करता है। महिलाओं
के लिए मोटापा उनके मां बनने के सपने को भी ग्रहण लगा सकता है। महिलाओं में अधिक मोटापे के चलते गर्भपात की समस्या देखी गई है।
प्रजनन क्षमता पर असर
गर्भपात का खतरा
पीरियड्स संबंधी विकार:
महिलाओ में नींद की समस्या
पॉलीसिस्टिक अंडाशय रोग (PCOD)
गर्भाशय कैंसर (यूट्रस कैंसर)
महिलाओ मैं स्तन का कैंसर
रजोनिवृत्ति
इंसुलिन की समस्या
थायराइड की समस्या
रोकथाम इलाज से बेहतर है अतः DSIR से मान्यता प्राप्त, ISO 9001: 2015 प्रमाणित कंपनी, GenOmbio Technologies एक R & D सुविधा है जो विज्ञान और
औद्योगिक अनुसंधान विभाग, विज्ञान और प्रौद्योगिकी मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा मान्यता प्राप्त है। यह 2009 में ISBA एंटरप्रेन्योर अवार्ड का प्राप्तकर्ता है।
संस्था आपके मुख में बन रही लार की जाँच करकें आपके द्वारा विकसित अनुवांशिक अनुसन्धान के द्वारा आपको इस बात को निर्धारित करती है की आप अपने
वजन को कैसे संतुलित रखे जिससे भविष्य में आने वाली बिमारिओ से बचाव कर सके इसके माध्यम से बगैर आपकी दिनचर्या को प्रभावित करते हुए व्यवस्थित
करते है जिसके लिए आपको अपनी जीवनशैली में साधारण सा बदलाव करके असाधारण बदलाव प्राप्त कर सकते है
यह एक असाधारण प्रक्रिया है जोकि भारत सरकार से प्रमाणित है जोकि DNA की जाँच के माध्यम से आपकी जीवनशैली को विकसित करता है GeneSupport
द्वारा पेश किए गए पैनल आपके शरीर की प्रणाली के बारे में विशिष्ट जानकारी प्रदान करते हैं और वे कुछ निश्चित जीवन शैली विकारों से जुड़े जोखिमों की
भविष्यवाणी करने में भी सक्षम होते हैं। "विश्लेषण - रूपांतरण - सुरक्षित" का हमारा मार्गदर्शक सिद्धांत आपको स्थायी भलाई सुनिश्चित करने में मदद करता है
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